प्यारे 31st दिसंबर ,आते तो तुम हर साल ही हो, पर न जाने क्यों ऐसा लगता है कि जितना इंतज़ार तुम्हारा इस साल किया है उतना पहले कभी नहीं किया। एक साल…कभी देखो तो पलक झपकते बीत जाता है, और […]
Chaata
पढ़िए श्री विवेक भावसार द्वारा भेजी ‘आपकी चिट्ठी ‘… प्यारे छाते, आज सुबह से लगातार रिमझिम बारिश हो रही थी और मुझे जाना था नजदीक ही किसी काम से । तब मुझे तुम्हारी याद आई। तुम्हे ढूंढता रहा यहाँ – […]
Gatagat
प्यारी गटागट, तुम्हारा नाम लेते ही पंसारी की दुकान में रखी वो काँच की बरनी आँखों के आगे तैर जाती है जिसमें वो तुम्हें सजाकर रखता था. आसपास श्वेत नमक का ढेर और बीच में श्यामवर्णा तुम, और तुम्हें ललचाई […]
The Games We Played
Where have all the games gone? I am talking of the games from our childhood and even those from our children’s, that seem to have vanished at least from the face of urban India. Today children go for their swimming, […]
Surahi
प्यारी सुराही, बचपन में, पेप्सी, कोक, या फैंटा के रंगीन जाल से दूर, अगर कोई पेय सचमुच तरोताज़ा कर देता था तो वो था सुराही का ठंडा पानी. मिट्टी की वो भीनी-भीनी खुशबु लिए, जैसे ही ठन्डे पानी का […]
Hawai Jahaj
पढ़िए श्री विवेक भावसार द्वारा भेजी ‘आपकी चिट्ठी ‘ जो आपको ज़रूर बचपन की सुनहरी यादों की ओर उड़ा ले जायेगी… प्यारे हवाई जहाज, बचपन से तुम्हें आकाश में उड़ते देखा है. ज़ोरों की तुम्हारी आवाज़ जब भी गूंजती थी […]
China Pen
प्यारे चाइना पेन, आज यकीन नहीं होता कि एक समय ऐसा भी था, जब चाइना की कोई वस्तु उत्कृष्टता का प्रतीक मानी जाती थी. उसका आपके पास होना आपकी ‘फाइन टेस्ट’ को दर्शाता था. जी हाँ, हम बात कर रहे […]
PP Number
प्यारे पीपी नंबर, कई सालों तक मुझे लगता था कि तुम्हारा फुल फॉर्म Paas Pados Number ही है. अब जाकर पता चला कि Passby Phone Number है. अब बताइए, असली में वो रस कहाँ! एक ज़माने में घर पर फ़ोन […]
Romance is…..a warm bhutta!
Media has fine-tuned the celebration of specific ‘days’ to such an extent that one can’t forget a day even if one wants to. Amidst days dedicated to Mother, Father, Fourth Cousin, Hugs, pizza and whatever-not, there is one dedicated to […]
Bus Wala Love
लव नोट्स #2 घर से ऑफिस तक का रास्ता. और हमें लाती-ले जाती एक पुरानी सी बस. हम ३ नंबर स्टॉप से चढ़ते थे और वो ४ नंबर से. भीड़ में वो अलग ही नज़र आतीं. सोचती आँखें, सांवला-सलोना चेहरा, […]