पढ़िए श्री विवेक भावसार द्वारा भेजी ‘आपकी चिट्ठी ‘… प्यारे छाते, आज सुबह से लगातार रिमझिम बारिश हो रही थी और मुझे जाना था नजदीक ही किसी काम से । तब मुझे तुम्हारी याद आई। तुम्हे ढूंढता रहा यहाँ – […]
Gatagat
प्यारी गटागट, तुम्हारा नाम लेते ही पंसारी की दुकान में रखी वो काँच की बरनी आँखों के आगे तैर जाती है जिसमें वो तुम्हें सजाकर रखता था. आसपास श्वेत नमक का ढेर और बीच में श्यामवर्णा तुम, और तुम्हें ललचाई […]
School Ka Tiffin Box
प्यारे स्कूल के टिफ़िन बॉक्स, स्कूल में लंच ब्रेक की घंटी बजने से पहले ही तुम्हारे बंद खानो में छिपे खाने का राज़ सोचते सोचते मन तरह-तरह के खयाली पुलाव पकाने लगता था। टीचर क्लास से कब निकले, घंटी […]