हाँ , गुलामी मैंने नहीं देखी , वे स्वर मेरे कानों पर नहीं पड़े , जो देश की स्वतंत्रता के सपने दिखाते थे , वो लाठियाँ मैंने नहीं खाई , जो हर उस पीठ पर पड़ी जो तनकर तिरंगा […]
चलो ज़िन्दगी मनाएं
चलो ज़िन्दगी मनाएं उतार फेंको बड़प्पन का नक़ाब समझदारी और सोफिस्टिकेशन को जीभ चिढ़ाओ आज किसी बच्चे की नज़र से ज़िन्दगी को देखो बड़ी खूबसूरत नज़र आएगी जनाब! ये नकाब पहनकर हासिल ही क्या हुआ है हर अपना हमसे रूठ […]