प्यारी गटागट, तुम्हारा नाम लेते ही पंसारी की दुकान में रखी वो काँच की बरनी आँखों के आगे तैर जाती है जिसमें वो तुम्हें सजाकर रखता था. आसपास श्वेत नमक का ढेर और बीच में श्यामवर्णा तुम, और तुम्हें ललचाई […]
China Pen
प्यारे चाइना पेन, आज यकीन नहीं होता कि एक समय ऐसा भी था, जब चाइना की कोई वस्तु उत्कृष्टता का प्रतीक मानी जाती थी. उसका आपके पास होना आपकी ‘फाइन टेस्ट’ को दर्शाता था. जी हाँ, हम बात कर रहे […]
Bachpan Ki 26 January
प्यारे बचपन के २६ जनवरी, दिवाली, दशहरा जैसा ही ख़ास लगता है २६ जनवरी और १५ अगस्त का त्यौहार. कितनी ही जोश भरी यादें जुड़ी हुई हैं इनके साथ. जनवरी का महीना शुरू होते ही स्कूल में २६ जनवरी की […]
Ek Chidiya, Anek Chidiya
यकीन न हो तो नीचे दी हुई लिंक पर एक बार क्लिक करके देख लीजिये… निर्देशन – विजया मुले एनीमेशन – भीमसैन खुराना हिन्द देश के निवासी के गीतकार – पंडित विनय चन्द्र मौद्गल्य गायिका – साधना सरगम […]
Diwali Ke Pakwan
प्यारे दिवाली के पकवान, चाहे पेटू कह लो, पर मुझे मानने में कोई संकोच नहीं कि मुझे दिवाली का सबसे ज़्यादा इंतज़ार तुम्हारे कारण ही रहता था. दिवाली के दस्तक देते ही घर की महिलाओं में अजब सा उत्साह दौड़ […]
Lori
प्यारी लोरी, तुम्हारे नाम में ही कितना सुकून, कितना प्यार घुला हुआ है, आखिर तुम्हारा रिश्ता सीधे माँ से जो जुड़ा हुआ है. बचपन की बात तो सबको याद है न! दिन भर उधम करके, सबकी नाक में दम […]
School Ka Tiffin Box
प्यारे स्कूल के टिफ़िन बॉक्स, स्कूल में लंच ब्रेक की घंटी बजने से पहले ही तुम्हारे बंद खानो में छिपे खाने का राज़ सोचते सोचते मन तरह-तरह के खयाली पुलाव पकाने लगता था। टीचर क्लास से कब निकले, घंटी […]
School Ka Pehla Din
[AdSense-A] प्यारे स्कूल के पहले दिन जैसे-जैसे गर्मी की छुट्टियाँ खत्म होने लगती तुम्हारा टेंशन सताने लगता था. यूँ लगता था कि मानो जिससे पुराना उधार लिया हो, वह वापिस वसूल करने आने वाला हो. फिर वही पढ़ाई, किताबें, होमवर्क, […]
Galli Cricket – 2
गल्ली क्रिकेट – १ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए [AdSense-A] टॉस के बाद शुरू होता था मैच का रोमांच. जिसकी बैट उसी की ओपनिंग रहती थी. बैट्समैन लेग स्टंप का गार्ड लेकर, ऑफ स्टंप पर खड़ा होता था. […]
Galli Cricket – 1
[AdSense-A] प्यारे गल्ली क्रिकेट, दीवानगी…मस्ती…जोश…जुनून…आईपीएल जितने रोमांचकारी और वर्ल्ड कप जितने कॉम्पिटिटिव हुआ करते थे तुम…या उससे भी ज़्यादा! दोपहर सरकी नहीं कि बच्चों का झुण्ड, जिनमें लड़कियाँ भी शामिल होती थीं, साजो-सामान लेकर गली में उतर आता था. लॉर्ड्स […]